किरंदुल। औद्योगिक नगर पालिका क्षेत्र किरंदुल में भारी वाहनों की सुरक्षित पार्किंग व्यवस्था की दशकों पुरानी मांग अब तक पूरी नहीं हो सकी है।ट्रांसपोर्ट नगर की स्थापना की योजना लंबे समय से केवल कागजों तक सीमित है,जिससे आम नागरिकों को रोजाना असुविधा और दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ रहा है।
जानकारी के अनुसार, बीते 30 वर्षों से एनएमडीसी द्वारा लोहा अयस्क चूर्ण एवं लम्प्स की ढुलाई के लिए सैकड़ों भारी वाहनों को किराए पर लिया जाता है।ये वाहन छत्तीसगढ़ समेत अन्य राज्यों में लौह अयस्क का परिवहन करते हैं, लेकिन इनकी पार्किंग व्यवस्था पर कोई ठोस प्रयास नहीं किया गया है।
स्थानीय हालात यह हैं कि इन वाहनों को मजबूरी में मुख्य मार्गों पर ही खड़ा कर दिया जाता है। नतीजतन, सड़कों के दोनों ओर लगे ट्रकों के कारण पैदल यात्रियों, दोपहिया और चारपहिया वाहनों को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। कई बार यह स्थिति सड़क दुर्घटनाओं का कारण भी बनती है।
इसके विपरीत, महज 10 किलोमीटर दूर स्थित बचेली नगर में नगरीय प्रशासन ने ट्रकों के लिए नगर से दूर एक सुव्यवस्थित पार्किंग स्थल विकसित किया है, जिससे वहां की आम जनता को राहत मिली है। लेकिन किरंदुल में, परिवहन संघ का मुख्यालय यहीं होने और पदाधिकारियों के स्थानीय रूप से मौजूद होने के बावजूद इस गंभीर समस्या की अनदेखी की जा रही है।
जनता की मांग है कि इस ओर शीघ्र संज्ञान लिया जाए। ट्रक पार्किंग की समस्या केवल अव्यवस्था नहीं, बल्कि सीधे तौर पर लोगों की सुरक्षा और जीवन से जुड़ी है। एनएमडीसी, परिवहनकर्ता संघ और नगरीय प्रशासन को मिलकर इस दिशा में ठोस और तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि दुर्घटनाओं की आशंका को कम किया जा सके और नागरिकों को सुरक्षित वातावरण मिल सके।ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष राजु रेड्डी ने नगर पालिका प्रशासन से बातचीत की है। उन्होंने बताया कि इस गंभीर समस्या को लेकर नगर पालिका के सीएमओ से चर्चा हुई, जिसमें समाधान हेतु ठोस सुझाव दिए गए हैं।
राजु रेड्डी ने सोमवार जानकारी दी कि नगर क्षेत्र में प्रतिदिन सैकड़ों ट्रक लोहा अयस्क चूर्ण की ढुलाई के लिए आते हैं,लेकिन उनमें से अधिकांश वाहन एक-दो घंटे में आगे बढ़ जाते हैं। केवल 30 से 40 ट्रक ही ऐसे होते हैं जो एक-दो दिन के लिए नगर में रुकते हैं। ऐसे वाहनों के लिए अलग से एक उचित पार्किंग स्थल विकसित किया जा सकता है।उन्होंने बताया कि सीएमओ ने इस सुझाव पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है और आश्वासन दिया है कि जल्द ही इस विषय पर गंभीरता से विचार कर कोई व्यावहारिक समाधान निकाला जाएगा।जनता को उम्मीद है कि यदि यह योजना अमल में लाई जाती है तो ट्रकों की अव्यवस्थित पार्किंग से होने वाली दुर्घटनाओं और ट्रैफिक अवरोध से काफी हद तक राहत मिल सकेगी।