हरी मटर की जांच में स्वास्थ्य विभाग ने पाया कृत्रिम रंग के इस्तेमाल से बीमारी

कर्नाटक : स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने पहले ही होटल, रेस्टोरेंट और खाद्य दुकानों में प्लास्टिक के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी कर दिया है, क्योंकि परीक्षणों से पुष्टि हुई है कि इडली पकाने के लिए प्लास्टिक शीट का उपयोग करने से कैंसरकारी पदार्थ निकलते हैं। खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बेंगलुरु समेत कर्नाटक के कई स्थानों पर अभियान चलाया है। उन्होंने इडली बनाने की विधि का निरीक्षण किया है। मंत्री ने चेतावनी दी है कि अगर सरकारी आदेश जारी होने के बाद भी इडली बनाने के लिए प्लास्टिक शीट का इस्तेमाल पाया गया तो ऐसे होटलों और खाद्य प्रतिष्ठानों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इडली के बाद खाद्य विभाग के प्रयोग में हरी मटर भी असुरक्षित पाई गई है। खाद्य विभाग ने बेंगलुरु के विभिन्न हिस्सों से हरी मटर के करीब 36 नमूने प्राप्त किए थे और उनकी प्रयोगशाला में जांच कराई थी। अब प्रयोगशाला की रिपोर्ट आ गई है और पता चला है कि 28 से अधिक हरी मटर के नमूने असुरक्षित हैं। मटर को हरा दिखाने के लिए कृत्रिम रंग का इस्तेमाल किया जा रहा है। रंग के इस्तेमाल से मटर सामान्य से ज्यादा हरी दिखाई दे रही है, जो लोगों को आकर्षित कर रही है। मटर में रंग के इस्तेमाल से लोगों के स्वास्थ्य पर असर पड़ेगा। रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि मटर का रंग किडनी पर असर डालता है। इस संदर्भ में स्वास्थ्य एवं खाद्य सुरक्षा विभाग मटर में कृत्रिम रंग मिलाकर बेचने वाले व्यापारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की योजना बना रहा है।

इससे पहले 12 केक के नमूनों में कैंसर पैदा करने वाले तत्व पाए गए थे, जिनमें रेड वेलवेट और ब्लैक फॉरेस्ट जैसे लोकप्रिय केक शामिल थे। खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा गोभी मंचूरियन, कबाब और पानी पूरी सॉस जैसे व्यंजनों में कृत्रिम रंगों पर प्रतिबंध लगाने के बाद यह कदम उठाया गया है।

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