विदेश में नौकरी दिलाने का वादा: 51 लोगों को ठगने के आरोप में दंपत्ति गिरफ्तार

कर्नाटक : शहर की पुलिस ने शुक्रवार को एक दंपती को गिरफ्तार किया, जिसने 51 लोगों को विदेशी वर्किंग वीजा दिलाने का झांसा देकर ठगी की। तिलकनगर निवासी सकलैन सुल्तान (34) और उसकी पत्नी निखिता सुल्तान (28) को गिरफ्तार किया गया। आरोपियों के पास से दो लग्जरी कार, दो दोपहिया वाहन, 66 लाख रुपये की नकदी और 24 ग्राम सोने के आभूषण जब्त किए गए। राजस्थान के मग सिंह द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच के बाद दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने बताया कि दूसरा आरोपी फरार है और उसकी गिरफ्तारी के लिए जाल बिछा दिया गया है। आरोपी सकलैन सुल्तान की मुलाकात शहर के रेस कोर्स में घुड़सवारी सीखने के दौरान एक विदेशी जॉकी से हुई थी। उस समय वह विदेश में घुड़दौड़ समेत अन्य काम करने के इच्छुक लोगों के लिए वीजा की व्यवस्था करता था। उसने कहा था कि अगर वह इच्छुक लोगों से मिलवाएगा तो वह उन्हें प्रत्येक वीजा के लिए 50 हजार रुपये कमीशन देगा।

इसके मुताबिक आरोपी ने शुरुआत में इस विदेशी जॉकी के जरिए दो लोगों के लिए वीजा की व्यवस्था की और 10 हजार रुपये कमीशन लिया। शिकायतकर्ता मग सिंह ने इस विज्ञापन को देखा। उसी समय उसके दो दोस्तों ने उससे पूछा कि अगर कोई ऐसा व्यक्ति है जो विदेश में काम करने के लिए वीजा उपलब्ध करा सकता है तो उन्हें बताएं। मग सिंह ने विज्ञापन में दिए गए मोबाइल नंबर पर कॉल किया और पूछा। आरोपियों ने कहा कि उनकी कंपनी बैंगलोर में है और विदेश में काम करने के लिए वर्किंग वीजा उपलब्ध कराती है। उन्होंने कहा कि वीजा प्राप्त करने के लिए उन्हें 8-8 लाख रुपये देने होंगे। उन्होंने उन्हें व्हाट्सएप के जरिए दस्तावेज भेजने के लिए भी कहा। बाद में आरोपियों ने दोनों से 16 लाख रुपये लिए और उन्हें जापान और न्यूजीलैंड का वीजा दिलवा दिया। मग सिंह ने आरोपियों की बात पर विश्वास करके अपने तीन और दोस्तों को वीजा प्राप्त करने के लिए 8-8 लाख रुपये दिए, कुल 24 लाख रुपये। हालांकि, एक महीने बाद भी वीजा जारी नहीं किए गए। इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वीजा दूतावास में लंबित हैं और कुछ दिनों में जारी कर दिए जाएंगे। बाद में उन्होंने वीजा जारी कर दिए। जब ​​इसकी जांच की गई तो पता चला कि वीजा फर्जी थे। मामले की जानकारी के लिए जब कॉल किया गया तो आरोपियों ने कॉल रिसीव नहीं किया। बाद में जब वे बेंगलुरु आए और पते पर गए तो पता चला कि पता फर्जी है। इसलिए साइबर क्राइम थाने में आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई गई। शिकायत के आधार पर पुलिस ने जांच की और उनमें से दो को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में पता चला कि आरोपियों ने अब तक 51 लोगों से ठगी की है और करीब 2.64 करोड़ रुपये वसूलने की फिराक में हैं।

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