भूकंप का असर खासकर एनसीआर की हाईराइज सोसायटी में रहने वालों पर ज्यादा पड़ा, जहां लोग अत्यधिक घबराहट का सामना कर रहे थे। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, भूकंप का केंद्र नई दिल्ली था और इसकी गहराई 5 किलोमीटर रही। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) ने सोशल मीडिया पर इसकी पुष्टि की। भूकंप के कारण दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में लोग घबराए हुए थे और घरों से बाहर आ गए। हालांकि, अब तक किसी तरह के जानमाल के नुकसान की कोई सूचना नहीं मिली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूकंप को लेकर ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने लोगों से शांत रहने की अपील की और कहा कि अधिकारी स्थिति पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं। भूकंप के झटकों से कई इलाकों में लोग घबराकर बाहर निकल आए थे, और झटके इतने तेज थे कि बाहर खड़ी कारें भी हिलने लगीं।
अधिकारियों के अनुसार, इस क्षेत्र में हर दो से तीन साल में हल्के झटके महसूस होते रहते हैं। इससे पहले, 2015 में यहां 3.3 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया था। ग्रेटर नोएडा वेस्ट की एक हाईराइज सोसायटी में रहने वाले राजीव कुमार ने बताया कि यह उनका पहला अनुभव था, जब उन्होंने इतने तेज भूकंप के झटके महसूस किए। झटके इतने तीव्र थे कि सभी लोग घबराकर नीचे की ओर दौड़ पड़े।
वहीं, कुछ लोग जो सुबह पार्क में मॉर्निंग वॉक पर गए थे, उन्होंने बताया कि वे ज्यादा महसूस नहीं कर पाए, लेकिन यह काफी तेज था और लोग तुरंत बाहर निकल आए। ‘आप’ नेता आतिशी ने सोशल मीडिया पर लिखा, “दिल्ली में तेज भूकंप महसूस हुआ, मैं ईश्वर से सभी की सुरक्षा की प्रार्थना करती हूं।” इस पोस्ट को री-शेयर करते हुए दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी सभी की सुरक्षा की कामना की। भूकंप वैज्ञानिकों के अनुसार, हमारी धरती की सतह मुख्य रूप से सात बड़ी और कई छोटी टेक्टोनिक प्लेट्स से बनी है। ये प्लेट्स लगातार हरकत करती रहती हैं और अक्सर आपस में टकराती हैं। इस टक्कर के परिणामस्वरूप प्लेट्स के कोने मुड़ सकते हैं और अत्यधिक दबाव के कारण वे टूट भी सकती हैं। ऐसे में, नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर फैलने का रास्ता खोजती है और यही ऊर्जा जब जमीन के अंदर से बाहर आती है, तो भूकंप आता है।
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