मनोरा में 10 हजार फीट ऊंचाई तक जाने वाले पहले एमेच्योर रॉकेट का सफल प्रक्षेपण

कलेक्टर रोहित व्यास की पहल पर सैकड़ों विद्यार्थियों की उपस्थिति में ऐतिहासिक रॉकेट लॉन्च, विज्ञान और तकनीक की ओर बढ़ाया कदम

मनोरा विकास खंड के सेजस स्कूल में रॉकेट्री वर्कशॉप का हुआ शुभारंभ

जशपुरनगर। कलेक्टर रोहित व्यास के निर्देश पर विज्ञान और तकनीकी शिक्षा को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मनोरा विकासखंड में 10,000 फीट की ऊंचाई तक जाने वाले पहले एमेच्योर रॉकेट का सफल प्रक्षेपण किया गया। इस ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनने के लिए सैकड़ों विद्यार्थी और शिक्षक मौजूद रहे।
मनोरा विकासखंड के ग्राम चेड़िया के नजदीक नदी के किनारे संगम स्थल पर कलेक्टर रोहित व्यास ने पहले एक छोटे रॉकेट को बटन दबाकर लॉन्च किया। इस अवसर पर शिक्षा विभाग प्रभारी अधिकारी प्रशांत कुशवाहा, जिला शिक्षा अधिकारी पीके भटनागर, संकल्प प्राचार्य विनोद गुप्ता, आईडीवाईएम फाउंडेशन से वैज्ञानिक रत्नेश मिश्रा और को-फाउंडर रविशंकर सहित शिक्षक और विद्यार्थी उपस्थित रहे।
विशेषज्ञ दल के द्वारा इस रॉकेट लॉन्च के दौरान सेजेस मनोरा में 100 विद्यार्थियों को अलग से रॉकेट निर्माण और प्रक्षेपण के कॉन्सेप्ट समझाएं गए। वर्कशॉप में वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने विद्यार्थियों को रॉकेट डिज़ाइन करने और बनाने की प्रक्रिया और उसके पीछे की वैज्ञानिक अवधारणाओं को समझाया। विद्यार्थियों ने 10-10 के समूहों में बंटकर कुल 10 रॉकेट तैयार किए। इसके बाद, विद्यार्थियों ने स्वयं ही अपने बनाए रॉकेट का सफल प्रक्षेपण किया। विद्यार्थियों के द्वारा बनाए गए इन रॉकेट ने लॉन्च के बाद 300 से 500 मीटर तक की ऊंचाई प्राप्त की। रॉकेट्री कार्यशाला का आयोजन प्रत्येक विकास खंड के एक विद्यालय में किया जा रहा है जिसमे आस पास के ६-७ और स्कूलों से विद्यार्थियों और शिक्षक भी शामिल हो रहें है l इस कार्यशाला में रॉकेट विज्ञान की बारीकी भी समझाया जा रहा है और विद्यार्थी बहुत ही उत्साहित हो कर इस महत्वपूर्ण विज्ञान को न सिर्फ़ सैद्धांतिक रूप से समझ रहे है बल्कि प्रैक्टिकल करके भी देख रहे है l
इस कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को व्यावहारिक विज्ञान की शिक्षा देना और उनमें नवाचार की भावना विकसित करना था। इस अवसर पर बीईओ संजय पटेल, बीआरसीसी तरुण पटेल, यशस्वी जशपुर के अवनीश पांडेय, सेजेस मनोरा के प्राचार्य श्री बैरागी सहित विभिन्न विद्यालयों के शिक्षक और विद्यार्थी मौजूद रहे। विद्यार्थियों से बात करने पर उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम भविष्य में भी आयोजित किए जाने चाहिए। जिससे विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में नई संभावनाएं तलाशने का अवसर मिलेगा।

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