5 क्रिटिकल मिनरल खदानों की नीलामी शुरू

रायपुर। केन्द्र सरकार छत्तीसगढ़ के पांच क्रिटिकल मिनरल (महत्वपूर्ण खनिज) खदानों की नीलामी auction करने जा रही है। इसके लिए इच्छुक कंपनियों से ऑफर बुलाए गए हैं। खास बात यह है कि प्रदेश में पहली बार क्रिटिकल मिनरल का खनन होगा, और अंदाजा लगाया जा रहा है कि आने वाले समय में क्रिटिकल मिनरल्स से 10 हजार करोड़़ रूपए रायल्टी के रूप में मिल सकती है।

छत्तीसगढ़ में आयरन, कोल, बॉक्साइट आदि मेजर, और रेत, चूना-पत्थर आदि माइनर मिनरल का खनन होता रहा है। प्रदेश में मेजर और माइनर मिनरल्स की खदानों की बहुतायत है। मगर अब क्रिटिकल मिनरल्स की श्रेणी में रखे गए लीथियम, फॉस्फोराइट, ग्लूकोनाइट, और टंगस्टन मिनरल्स मिलने की पुष्टि होने के बाद नीलामी शुरू हो गई है। कोरबा के कटघोरा स्थित लीथियम की खदान नीलाम हो चुकी है। अब फॉस्फोराइट, ग्लूकोनाइट, और टंगस्टन की पांच खदानों की नीलामी की प्रक्रिया चल रही है।

बताया गया कि महासमुंद जिले में ग्लूकोनाइट की दो खदानों की कम्पोजिट लाईसेंस के लिए आवेदन मंगाए गए हैं। इसके साथ ही साथ फॉस्फोराइट की दो, और टंगस्टन की एक खदान की नीलामी प्रक्रिया चल रही है। टंगस्टन की खदान रायगढ़ में है। फॉस्फोराइट का उपयोग उर्वरक और दवा उद्योग आदि में होता है।

देश के कई राज्यों में फॉस्फोराइट की खदान है, लेकिन ज्यादातर फॉस्फोरस विदेशों से आयात होता है। कुछ इसी तरह ग्लूकोनाइट की भी खदानें हैं। ग्लूकोनाइट का उपयोग दवा उद्योगों में होता है। इसके अलावा टंगस्टन का उपयोग भारी उद्योगों के अलावा खनन और पेट्रोलियम कार्यों में किया जाता है। केन्द्र सरकार ने इन खनिजों को क्रिटिकल मिनरल की श्रेणी में रखा है, और इसकी नीलामी भी भारत सरकार करती है।

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