विश्व आदिवासी दिवस-जनजातियों की प्राचीन कला और संस्कृति छत्तीसगढ़ की अनमोल धरोहर है – मुख्यमंत्री

जांजगीर में कलेक्टर, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी और जनजाति समाज के प्रतिनिधि वर्चुअल कार्यक्रम में शामिल हुए

सक्ती-छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज 09 अगस्त को अपने निवास कार्यालय में विश्व आदिवासी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने विश्व आदिवासी दिवस पर प्रदेशवासियों विशेषकर आदिवासी समाज के लोगों को बधाई और शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजातियों की प्राचीन कला और संस्कृति छत्तीसगढ़ की अनमोल धरोहर है। राज्य सरकार आदिवासियों की प्राचीनतम परंपरा, संस्कृति और जीवन मूल्यों को सहेजते हुए उनके विकास के लिए लगातार प्रयास कर रही है। राज्य की करीब 31 प्रतिशत आदिवासी जनता और शेष आबादी के बीच की दूरी को कम करते हुए उन्हें मुख्य धारा से जोड़कर आगे बढ़ाने के लिए नए रास्ते खोले गए हैं,इस अवसर पर मुख्यमंत्री निवास में गृहमंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत, अनुसूचित जाति एवं जनजातीय विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, मुख्यमंत्री के सलाहकार राजेश तिवारी सहित वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी उपस्थिति थे,जांजगीर में कलेक्टर सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी, जनजाति समाज के प्रतिनिधि कार्यक्रम में वर्चुअल शामिल हुए,जिला कार्यालय के स्वान कक्ष में कलेक्टर जितेंद्र कुमार शुक्ला, अपर कलेक्टर लीना कोसम, वन मंडल अधिकारी प्रेमलता यादव विश्व आदिवासी दिवस की वर्चुअल कार्यक्रम में शामिल

हुए,सहायक आयुक्त आदिवासी विकास ने बताया कि जिले के 1 हजार 182 आदिवासी परिवारों को 692.08 हेक्टेयर वन भूमि का व्यक्तिगत वन अधिकार पट्टा प्रदान किया जा चुका है। इसी प्रकार 13 हजार 598.12 हेक्टेयर के 225 सामुदायिक वन अधिकार पत्र और 18 वन संसाधन अधिकार प्रमाण पत्र का वितरण किया गया है,स्वान कार्यालय में सक्ती विकासखण्ड के ग्राम बेलाचुंआ के  संतराम सुधार,  चैतराम चौहान और तंजनी आदिवासी समुदाय के सदस्य के रूप में उपस्थित थे।

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