भारतीय क्रिकेट टीम के ओपनर बल्लेबाज रोहित शर्मा ने पहली बार बताया कि, उनके क्रिकेट करियर का सबसे बुरा लम्हा कौन सा था। हिटमैन का मानना है कि, 2011 वनडे वर्ल्ड कप के लिए जब उन्हें भारतीय टीम में नहीं चुना गया तो ये उनके करियर का सबसे बुरा वक्त था। इस बात के लिए रोहित शर्मा ने किसी को भी दोषी नहीं ठहराया और कहा कि, शायद उस वर्ल्ड कप से पहले उनका प्रदर्शन ज्यादा अच्छा नहीं था और इसकी वजह से ही वो उस टीम का हिस्सा नहीं बन पाए थे।

हालांकि रोहित शर्मा को साल 2007 में टी20 वर्ल्ड कप टीम में खेलने का मौका मिला था और उनका प्रदर्शन भी ठीक था। भारत ने उस साल खिताब भी जीता था, लेकिन इसके बाद रोहित शर्मा ज्यादा अच्छा खेल नहीं दिखा पाए थे और इसकी वजह से ही उन्हें वनडे वर्ल्ड कप 2011 के लिए टीम इंडिया में जगह नहीं मिली थी। दिनेश कार्तिक को दिए इंटरव्यू में उस वक्त को याद करते हुए रोहित शर्मा ने कहा कि, वो उस टीम का हिस्सा बनना चाहते थे और भारत की जीत में अपनी भागीदारी भी निभाना चाहते थे।

रोहित ने कहा कि, ये  सबसे बुरा वक्त था। उस समय मैं टीम में जगह बनाने के लिए बेकरार था और टीम के लिए प्रदर्शन करना चाहता था। आप जानते हैं कि आप अपने घरेलू मैदान पर खेल रहे होंगे। मुझे पता था कि हमारे पास वर्ल्ड कप जीतने का बेस्ट मौका था। मैं उसका हिस्सा बनकर अंतर पैदा करना चाहता था। कहीं न कहीं मैं इसके लिए खुद को जिम्मेदार मानता हूं। मैं किसी को इसके लिए दोषी नहीं ठहराना चाहता। वर्ल्ड कप से कुछ समय पहले मेरा प्रदर्शन शायद इतना अच्छा नहीं था कि मुझे उस मेगा इवेंट के लिए टीम में जगह दी जाती।

उन्होंने कहा कि, हर कोई वर्ल्ड कप टीम का हिस्सा बनना चाहता है लेकिन एक तरह से मेरे लिए यह अच्छा ही रहा। मैं एक अलग खिलाड़ी बनकर निकला और मुझे अपनी बल्लेबाजी को बेहतर तरीके से समझने का मौका मिला। मैं ये जान सका कि यहां से आगे मुझे क्या करना है और मैंने सब कुछ बदला। इसके बाद मैंने अपना माइंटसेट और अपनी तकनीक में भी सुधार किया। हालांकि मेरी बैटिंग पोजीशन लगातार बदल रही थी और मैं इसके हिसाब से खुद को नहीं ढ़ाल पा रहा था। इसकी वजह से मैं थोड़ा पिछड़ गया क्योंकि आपको अपने डाउन की वजह से खेल में बदलाव करने होते हैं।