तिल्दा नेवरा – समीपस्थ ग्राम निनवां मे शनिवार को धूमधाम के साथ हलषष्ठी (कमरछठ) व्रत पूजन का त्यौहार मनाया गया. ग्राम प्रमुख सरपंच श्रीमति बिंदिया वर्मा ने बताया कि हमारे ग्राम पुरोहित भागवत आचार्य पंडित श्री संजय शर्मा (निनवां वाले ) के सानिध्य और मार्गदर्शन मे माताओ और बहनों द्वारा विधि विधान के साथ व्रत पूजन किया गया. आचार्य शर्मा द्वारा माता हलषष्ठी का कथा श्रवण भी कराया गया. कथा मे आचार्य शर्मा ने बताया कि भाद्रपद कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को माता हलषष्ठी (कमरछठ) का व्रत मनाया जाता है. सन्तान प्राप्ति की इच्छा, सन्तान की दीर्घायु आयु और परिवार की सुख समृद्धि शांति की कामना के लिए माताओ बहनों द्वारा यह व्रत रखा जाता है. कथा अंतर्गत आचार्य शर्मा ने बताया कि आर्यावर्त के राजा चन्द्रव्रत के पुत्र ने अपने पिता के धर्म को बचाने के लिए स्वयं ही सूखे तालाब मे अपना बलिदान वरुण देव को कर दिया जिसके बाद राजा रानी द्वारा माता हलषष्ठी का विधि विधान से व्रत पूजन करने के बाद उनकी कृपा से राजा रानी को उनका पुत्र जीवित प्राप्त हुआ. इसी प्रकार माता देवकी ने भी कारागृह मे रहते हुए मानसिक रूप से माता हलषष्ठी का व्रत पूजन किए जिनके प्रभाव से समयानुसार माता के देवकी के गर्भ से स्वयं भगवान कृष्ण ही अवतार लेकर आए और धरती मे धर्म की स्थापना किए. इस प्रकार आचार्य जी ने माता हल षष्ठी की महिमा मे छः अलग अलग कथाओं का श्रवण कराए. कथा सुनकर सभी श्रोतागण मंत्र मुग्ध हो गए. आचार्य शर्मा ने बताया कि इस दिन पूजन मे भैस की दूध, दही, घी आदि का उपयोग किया जाता है.. कथा सुनने माताओ बहनों के साथ ग्रामीणों की अपार भीड़ उमड़ पड़ी.