शिवरीनारायण– अंतिम सोमवार को शिवालयों में गुंजा हर हर महादेव । जल ,दुध ,शहद , बेल पत्र और चांवल से लक्ष्मणेश्वर शिव लिंग का किया अभिषेक । छत्तीसगढ़ की काशी के नाम से विख्यात खरौद नगर में लक्ष्मणेश्वर शिवलिंग के नाम से अव्दितीय शिवलिंग है इस शिवलिंग में सवा लाख छिद्र है और हर छिद्र में एक शिव लिंग बना हुआ है लोगों में ऐसी मान्यता है कि इस शिव लिंग कि पूजन करने से सवा लाख शिव लिंग की पूजन का फल प्राप्त होता है श्रावण मास में शिव जी की पूजा का विशेष महत्व होता है इसीलिए यहां प्रत्येक वर्ष श्रावण मास पर प्रत्येक सोमवार को ल्क्ष्मणेश्वर शिव लिंग की पूजन एवं अभिषेक के लिए श्रध्दालुओं का तांतालगा रहता है । इस वर्ष भी कोविड़ 19 के संक्रमण का खतरा होने के बावजूद भी शिव पूजन एवं अभिषेक के लिए शिवभक्त काफी उत्साहित नजर आए । आज श्रावण माह का अंतिम सोमवार था भगवान शिव की पूजा अर्चना और अभिषेकके लिए शिवालयों में श्रध्दालुओं की काफी भीड़ थी कावड़िए शिवरीनारायण त्रिवेणी संगम से जल भर कर पैदल बोल बम का जयकारा लगाते हुए प्रसिध्द शिवालयों में पहुंच कर जलाभिषेक किए । भगवान लक्षमणेश्वर मंदिर खरौद के सामने सुबह से ही श्रध्दालुओं की लम्बी कतार लग गयी थी शिवालय हर हर महादेव की जय घोष से गुंज रहा था मंदिर के पट खुलते ही श्रध्दालु भगवान लक्ष्मणेश्वर शिव लिंग की जयकारा लगाते हुए मंदिर में प्रवेश किए और वे लोग अपनी अपनी श्रध्दा और आस्था अनुसार भगवान लक्ष्मणेश्वर शिवलिंग में जल , दुध , शहद , बेल पत्र , चांवल आदि से अभिषेक कर पूजन किए ।