जेईई-मेन-2021, तीसरा सेशन रायपुर के एलन स्टूडेंट अंशुल वर्मा ने हासिल किए 300 में से 300 10 राज्यों में एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के स्टूडेंट्स स्टेट टाॅपर्स

रायपुर. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा घोषित जेईई-मेन 2021 के तीसरे सेशन के परिणामों में एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के स्टूडेंट्स ने एक बार फिर श्रेष्ठता साबित की है। एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के निदेशक बृजेश माहेश्वरी ने बताया कि परिणामों में एलन कोटा के रेगुलर क्लासरूम स्टूडेंट व छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर निवासी अंशुल वर्मा ने 300 में से पूरे 300 अंक प्राप्त कर परफेक्ट 100 परसेन्टाइल स्कोर प्राप्त कर राजस्थान राज्य में टाॅप किया है।
माहेश्वरी ने बताया कि एनटीए द्वारा 17 स्टेट टाॅपर्स की सूची जारी की गई है। जिसमें 10 स्टेट टाॅपर्स एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट से हैं। इनमें 6 स्टूडेंट्स एलन के रेगुलर क्लासरूम प्रोग्राम से हैं। जबकि 4 स्टूडेंट्स दूरस्थ शिक्षा से एलन से जुड़े हैं। एलन के अंशुल वर्मा ने राजस्थान, दीप्ति पटोवारी ने आसाम, हर्ष हिमांशु वोरा ने महाराष्ट्र, ज्योतिरादित्य यादव ने मध्यप्रदेश, पार्थ पटेल ने गुजरात, रिषभ सिंहगहरवार ने छत्तीसगढ, शंकर बालाजी एस ने तमिलनाडू, स्रीहरि सी ने केरला, सूर्योज्योति दास ने त्रिपुरा व वैभव अग्रवाल ने उत्तराखंड में टाॅप किया है। इसमें दीप्ति पटोवारी, शंकर बालाजी एस, स्रीहरि एस व सूर्योज्योति दास दूरस्थ शिक्षा से एलन से जुड़े हैं। शेष सभी क्लासरूम स्टूडेंट्स हैं।
एलन की परफेक्ट स्कोर की हैट्रिक
इससे पूर्व मार्च सेशन के परिणामों में 4 स्टूडेंट्स ने 100 पर्सेन्टाइल स्कोर किया है। इसके साथ ही 1148 स्टूडेंट्स ने 99 पर्सेन्टाइल से अधिक स्कोर किया था, जिसमें 15 ने 99.99 पर्सेन्टाइल से अधिक, 146 ने 99.9 पर्सेन्टाइल से अधिक स्कोर किया है। मार्च में काव्या चैपड़ा और मृदुल अग्रवाल ने 300 में से 300 अंक प्राप्त किए थे। फरवरी सेशन में 4 स्टूडेंट्स ने 100 पर्सेन्टाइल स्कोर किया। सिद्धान्त मुखर्जी व गुराम्रित सिंह ने 100 पर्सेन्टाइल के साथ-साथ 300 में से 300 अंक प्राप्त हुए हैं, जो कि परफेक्ट स्कोर रहा। 1201 स्टूडेंट्स ने 99 पर्सेन्टाइल से अधिक स्कोर किया है, इसमें 181 स्टूडेंट्स ने 99.9 पर्सेन्टाइल, 31 ने 99.99 पर्सेन्टाइल स्कोर किया है।
कोटा में पूरे देश के स्टूडेंट्स, इसलिए वहां बेस्ट काॅम्पिटिशन मिला: अंशुल वर्मा
इंस्टीट्यूट: एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट
पिता: डाॅ. कृष्ण कुमार वर्मा (पशु चिकित्सक, रायपुर)
मां: दमयंती वर्मा (प्रधानाध्यापिका, प्राइमरी स्कूल)
जेईई मेन जुलाई: 100 पर्सेन्टाइल
जन्मतिथि: 5 मार्च 2004
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर निवासी अंशुल वर्मा ने जेईई मेन तीसरे सेशन में 300 में से … अंक हासिल कर 100 पर्सेन्टाइल स्कोर किए हैं। अंशुल एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के रेगुलर क्लासरूम स्टूडेंट है। अंशुल ने बताया कि मैंने जेईई मेन फरवरी में 99.95 और मार्च अटैम्प्ट में 99.93 पर्सेन्टाइल स्कोर किए थे। मैं दोनों रिजल्ट से संतुष्ट नहीं था। इसलिए मैंने जुलाई में थर्ड अटैम्प्ट दिया, जिसकी तैयारी में मुझे एलन की एक्सपर्ट फैकल्टीज व स्टडी मैटेरियल का काफी सपोर्ट मिला। एनसीईआरटी सिलेबस और जेईई मेन के विशेष टाॅपिक्स पर ज्यादा फोकस किया। 10वीं 98.4 प्रतिशत अंकों से उत्तीर्ण की और केवीपीवाय एसएक्स में आॅल इंडिया 26वीं रैंक हासिल की थी। रोजाना 10 घंटे पढ़ाई करता हूं और रीक्रिएशन के लिए क्रिकेट खेलने जाता हूं या पापा के साथ चैस खेलता हूं। पिता डाॅ. कृष्णकुमार वर्मा पशु चिकित्सक हैं तथा मां दमयंती वर्मा राजकीय स्कूल में शिक्षक हैं। मेरी बड़ी बहिन रूपल वर्मा एनआईटी रायपुर से बीटेक कर रही है। उसने भी कोटा से तैयारी की थी, तभी मुझे भी प्रेरणा मिली, कोटा कोचिंग का कोई मुकाबला नहीं है। मैं एनएसईजेएस और आईएनएमओ की वर्कशाॅप के लिए एलन आया था, यहां की फैकल्टीज काफी अनुभवी है और एलन का माहौल भी पाॅजिटिव लगा। इसके बाद मैंने जेईई की तैयारी के लिए एलन में एडमिशन लेने का निर्णय लिया। फिलहाल जेईई एडवांस्ड पर फोकस है। मैं भविष्य में आईआईटी मुम्बई की सीएस ब्रांच से बीटेक करना चाहता हूं।

 जब दोस्त ला सकता है तो मैं क्यों नहीं
जेईई मेन मार्च अटैम्प्ट में एलन कोटा में मेरे क्लासमेट जेनिथ मल्होत्रा ने 100 परसेन्टाइल स्कोर किए थे। हम दोनों साथ रहते थे, एक-दूसरे से डाउट्स को लेकर चर्चा करते थे। मैंने सोचा कि जब वो 100 परसेन्टाइल स्कोर कर सकता है तो मैं क्यों नहीं। मैंने 100 परसेन्टाइल स्कोर करने के दृढ़ संकल्प के साथ फिर तैयारी शुरू की और जो सोचा था वो कर दिखाया।

 कोटा में मिला बेस्ट पीयर ग्रुप
अंशुल ने बताया कि कोटा में पूरे देश के विभिन्न राज्यों के स्टूडेंट्स परीक्षा की तैयारी करने आते हैं। इसलिए वहां बेस्ट काॅम्पिटिशन और पीयर ग्रुप मिलता है। इससे स्टूडेंट को खुद की तैयारी के आंकलन का मौका मिलता है। सब एक-दूसरे से बेहतर करने की कोशिश करते हैं और इस वजह से स्टूडेंट की तैयारी में लगातार सुधार आता है।

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