इंदौर: सोमवार को जन्माष्टमी पर्व के पर्व पर उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय के 128 नए पाठ्यक्रमों की शुरुआत की गई। इसके साथ ही विक्रम यूनिवर्सिटी में अब 182 पाठ्यक्रमों में से छात्र अपने पसंदीदा विषय चुन सकेंगे। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कृष्ण की इस शिक्षास्थली पर आज के ही दिन नए कोर्स आरंभ होना उज्जैन को शिक्षा के क्षेत्र में शिखर पर ले जाएगा। नई शिक्षा नीति (NEP) के साथ इन पाठ्यक्रमों का लागू होना छात्रों को बेहतर रोजगार दिलाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।
गवर्नर ने कहा, कृषि के क्षेत्र में नए पाठ्यक्रम शुरू करना विश्वविद्यालय का अहम फैसला है। इसमें पढ़ने वाले छात्रों के साथ टीचर्स और वैज्ञानिकों को कृषकों के बीच खेतों में भी जाना चाहिए। तभी कृषि की शिक्षा साकार हो सकेगी। नई शिक्षा नीति में ऐसा खुलापन है जो उन्हें दबाव से मुक्त ज्ञान के मौका दिलाएगा। एक से अधिक एंट्री और एक्जिट से छात्र को अधिक विकल्प मिलेंगे। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा गुड़ी पड़वा के दिन विक्रम यूनिवर्सिटी का दीक्षांत समारोह आयोजित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि विक्रम यूनिवर्सिटी राज्य में सबसे पुराना है, किन्तु आज प्रदेश के सभी पारंपरिक विश्वविद्यालय इससे आगे हैं। इसे अब मप्र में सबसे अग्रणी बनाया जाएगा। मप्र शिक्षा नीति लागू करने वाला देश का पहला सूबा है। नए पाठ्यक्रमों के साथ नई शिक्षा नीति से उज्जैन के शिक्षा जगत में क्रांतिकारी परिवर्तन आएंगे। इस मौके पर सांसद अनिल फिरोजिया, पूर्व मंत्री व विधायक पारस जैन, कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय, पाणिनी संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति श्री विजय कुमार, कुलसिचव डॉ. प्रशांत पौराणिक आदि भी उपस्थित थे।