फर्जी तरीके से शासकीय राशि कर आहरण कर गबन करने के विरोध में ग्रामीणों ने दिखाई एकजुटता
मैनपुर/काण्डेकेला@thethinkmedia.com
ग्राम पंचायत काण्डेकेला के सरपंच-सचिव व रोजगार सहायक पर फर्जी तरीके से शासकीय राशि आहरण कर गबन करने का आरोप लगाते हुए विगत कई दिनों से ग्रामीण इस भ्रष्टाचार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इससे पूर्व कई बार जनपद पंचायत सीईओ एवं कलेक्टर को भी ज्ञापन सौंप कर जांच की कार्रवाई करने की मांग की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण ग्रामीणों का गुस्सा बढ़ते ही जा रहा है और 3 अगस्त को ग्रामीणों द्वारा जनपद पंचायत का घेराव भी किया गया था।
जिसके पश्चात 3 अगस्त को ही जनपद पंचायत मैनपुर के सीईओ द्वारा जांच टीम का गठन किया गया और 5 अगस्त को 3 सदस्यीय जांच टीम ग्राम पंचायत काण्डेकेला पहुंचे और यहां सामुदायिक भवन में जांच प्रक्रिया 11 बजे जैसे ही शुरू हुई एक-एक करके प्रक्रिया में भाग लेने ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। कमरे के अलावा मुख्य चौराहे में भी भीड़ जुटी रही और निर्माण कार्य, मनरेगा योजना में वित्तीय अनियमितता के 21 बिन्दु 21 बिंदुओं पर जांच ग्रामीणों के सामने ही कराने की मांग की गई। जांच अधिकारी डीपी साहू व दल में मौजूद करारोपण अधिकारी अमरनाथ मरकाम, खिलेश्वर साहू ने आरोपों के 21 बिंदु के आधार पर रिकार्ड की जांच व सरपंच नंदकिशोर कोमर्रा, तत्कालीन सचिव दुरुप सिंह सोनवानी और रोजगार सहायक देवकुमार यादव के बयान भी दर्ज किया, जिसमें कुछ मामलों में अपनी गलती स्वीकारते हुए एक बार माफ करने की विनती भी करने लगे। जांच अधिकारी डीपी साहू ने कहा कि रिकार्ड मिलान, भौतिक सत्यापन आरम्भिक जांच में अधूरे निर्माण पर पूरी रकम, मनरेगा मस्टररोल में गड़बड़ी के अलावा बगैर पंचायत प्रस्ताव के निर्माण कार्य की राशि आहरण पाया गया है। प्रतिवेदन जनपद सीईओ को सौंप दिया जाएगा। इस दौरान जब दोषी सरपंच, सचिव व रोजगार सहायक ने कई मामले में गोलमोल जवाब देकर बचने का प्रयास कर रहे थे, अधूरे कार्य को पूरा बताया तो 500 से अधिक की संख्या में ग्रामीणों की भीड़ अफसरों को नायकपारा सीसी सड़क, नाली निर्माण व गोलामाल रोड पर मुरमीकरण को दिखाने ले गए। रोजगार सहायक द्वारा भूमि सुधार के नाम पर पूर्व जनपद सदस्य एवं उसके परिवार के 3 सदस्य के नाम पर 1 लाख से ज्यादा मजदूरी राशि का आहरण करवाया गया। 15 जून के बाद मनरेगा बंद था, परंतु जुलाई माह में भी काम कराना बताकर फर्जीवाड़ा किया गया।
ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया है किआमापारा में दो लाख का चबुतरा निर्माण होना था लेकिन राशि तो आहरण कर ली गई लेकिन चबूतरा निर्माण अधूरा है। वहीं नायकपारा से लांजीपारा तक 400 मीटर तक सीसी रोड स्वीकृति हुई थी लेकिन राशि आहरण कर लिया गया लेकिन सीसी रोड निर्माण हुआ ही नहीं है। वहीं गोंहटियापारा में 500 मीटर नाली निर्माण के लिए राशि आहरण किया गया है लेकिन वहां नाली निर्माण ही नहीं किया गया। मुरमीकरण के लिए भी 8 लाख रुपए आहरण किया गया लेकिन कहीं पर भी एक घमेला मुरुम नहीं डाला गया है।
खुद को बता रहा था जांच अधिकारी, ग्रामीणों ने भगाया
रविवार को शासकीय अवकाश होने के बावजूद बिना ग्रामीणों को सूचना दिए एक व्यक्ति शराब के नशे की हालत गांव में आकर स्वयं को इंजीनियर बताते हुए जनपद पंचायत मैनपुर से आया हूं कहकर जांच करने लगा लेकिन जब ग्रामीणों को पता चला तो उसे जांच आदेश की कापी मांगी गई तो उसके पास कोई जांच आदेश की कापी नहीं थी, इसलिए ग्रामीणों की भीड़ ने उसे गांव से बाहर भगा दिया। इस संबंध में जब ग्रामीणों द्वारा जांच अधिकारी से संपर्क कर पूछा गया तो जांच अधिकारी ने बताया कि हमारे यहां से को जांच के लिए नहीं भेजा गया और न ही जिला स्तर या जनपद स्तर से कोई जांच टीम गठित किया गया है।
क्या कहते हैं ग्रामीण
- हमारे गांव में भ्रष्टाचार बहुत हुआ है, यहां सीसी सड़क निर्माण के लिए राशि तो आहरण कर ली गई है परंतु एक गिट्टी तक नहीं लगा है और यहां नाली निर्माण होना था लेकिन नाली का नामोनिशान नहीं है, हमने जनपद पंचायत से शिकायत किए लेकिन वहां के अधिकारी भी लीपापोती कर इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है, और हम कलेक्टर से भी शिकायत किए थे परंतु वहां से भी कोई संतोषप्रद खबर नहीं मिली है। 5 अगस्त को यहां जांच टीम आई थी लेकिन उन्होंने भी टालमटोल करने का प्रयास किया और हम इस जांच से संतुष्ट नहीं है, यदि कार्रवाई नहीं हुई तो हम चक्काजाम एवं भूख हड़ताल करेंगे।
-रामानंद साहू, ग्रामीण - मैं गांव का विकास चाहता हूं लेकिन सरपंच-सचिव की मनमानी चल रही है और यह कुछ पूर्व जनपद सदस्य के मार्गदर्शन पर हो रहा है और हमें एक-एक कर मारने की धमकी दी जा रही है। पहले तो हम जनपद पंचायत में शिकायत की है उसके बाद एसडीएम और कलेक्टर से भी शिकायत की और कलेक्टर द्वारा अभी जांच टीम भेजी गई इसमें भी कार्रवाई नहीं होती है तो 13 अगस्त से हम भूख हड़ताल करेंगे।
-मोतीलाल जगत, ग्रामीण - हमें कुछ नहीं चाहिए हमें गांव का विकास चाहिए लेकिन सरपंच द्वारा हमें धमकी दी जा रही है कि आप महिला स्वसहायता समूह वाले भी हमारे खिलाफ होकर उनका साथ दे रहे हो, आप जितने भी स्वसहायता समूह हैं सभी को बंद करवा देंगे कहकर हमें धमकी दी जा रही है।
-रोशनी साहू, महिला स्वसहायता समूह