वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर स्थित श्रृंगार गौरी के दर्शन-पूजन की पांच महिलाओं ने मांगी इजाजत

ज्ञानवापी परिसर स्थित मां श्रृंगार गौरी की प्रतिदिन पूजा अर्चना करने व परिसर स्थित अन्य देवी- देवताओं के विग्रहों को सुरक्षित रखने की मांग करते हुए सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत में वाद दायर किया गया है। बुधवार को अदालत ने इस वाद को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया। वादी पक्ष की अपील पर मौके की स्थिति जानने के लिए वकील कमिश्नर नियुक्त करने का भी आदेश दिया है।अदालत ने इसके साथ ही विपक्षियों को नोटिस जारी करने तथा अगली सुनवाई के लिए 24 सितंबर की तिथि नियत की है। अदालत में यह वाद नई दिल्ली निवासिनी राखी सिंह,लक्ष्मी देवी,सीता शाहू,मंजू व्यास व रेखा पाठक की तरफ से दाखिल किया गया है। इन पक्षकारों ने मौके पर यथास्थिति बरकरार रखने की भी अदालत से मांग की है। वाद में प्रदेश सरकार के अलावा जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त, अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी और काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को पक्षकार बनाया गया है।

वाद में कहा गया है कि भक्तों को मां श्रृंगार गौरी का दैनिक दर्शन-पूजन एवं अन्य अनुष्ठान करने के साथ ही परिसर में स्थित भगवान गणेश,हनुमान,नंदी एवं अन्य देवताओं के विग्रहों को सुरक्षित रखा जाए। इन्हें क्षति पहुंचाने से प्रतिवादियों को रोका जाए।वाद मे कहा गया है कि धार्मिक ग्रंथों के अनुसार काशी हिंदुओं के लिए एक पवित्र और धार्मिक क्षेत्र है। मूर्तिपूजकों के प्रति घृणा रखने वाले मुस्लिम आक्रमणकारियों ने हिंदू मंदिरों को नुकसान पहुंचाया। बाद में उसी स्थानों पर मंदिरों का जीर्णोद्धार किया गया। मुगल शासक औरंगजेब के कार्यकाल में काशी और मथुरा में मौजूद मंदिरों को ध्वस्त किया गया।यही नहीं आदिविश्वेर मंदिर के एक हिस्से पर ढांचा बना लिया गया जिसे मस्जिद कहते हैं। ज्ञानवापी परिसर में स्थित कथित मस्जिद की पश्चिम दीवार के पीछे प्राचीन काल से मौजूद देवी मां श्रृंगार गौरी की छवि है।

हिंदू धर्मावलंबी वर्षों से मां श्रृंगार गौरी और परिसर में मौजूद भगवान हनुमान,भगवान गणेश,नंदी और अन्य दृश्य व अदृश्य देवी-देवताओं की अराधना कर रहे हैं। साथ ही भगवान विश्वेश्वरनाथ के मंदिर की परिक्रमा कर रहे हैं। वाद में इतिहासकारों द्वारा औरंगजेब के कार्यकाल में मंदिर के स्वरुपों में किए गए बदलावों का भी जिक्र किया गया है। साथ ही वर्ष 1936 में मंदिर-मस्जिद प्रकरण मे सिविल जज बनारस की अदालत में दायर मुकदमे में पक्षकारों की हुई गवाही का उल्लेख किया गया है। अदालत में वादी पक्ष की ओर से अधिवक्ता पंकज वर्मा, सुधीर त्रिपाठी, सुभाष नंदन चतुर्वेदी,अनुपम द्विवेदी, दीपक सिंह ने पक्ष रखा। अदालत ने मौके की यथास्थिति के लिए दिए गए वादी पक्ष के प्रार्थना पत्र पर विपक्षियों को पक्ष रखने के लिए नोटिस जारी करने का आदेश दिया है।

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