कमेली ग्राम में धान कटाई करते हुए किसानों को घात लगाकर बैठे व्यस्क रस्सल वाइपर सर्प जिसे स्थानीय भाषा में महा मंडल कहा जाता हैं। ग्रामीण इस सर्प से परिचित हैं और इस विषैले सर्प के दंश का परिणाम भी जानते हैं। इसलिए ग्रामीणों नें सर्प मित्र अमित मिश्रा को फोन पर जानकारी दी। सर्पमित्रो नें सर्प को रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ दिया।
प्राणी संरक्षण कल्याण समिति की टीम इस मौसम में लगभग प्रतिदिन इस सांप को रहवासी क्षेत्रों और खेतों से निकाल के जंगलों में छोड़ रही हैं। शुक्रवार को चितालंका में भी एक रस्सल वाइपर मिला था। परंतु यह सर्प साड़े चार फिट का था जिसका दो किलो के लगभग था। बड़े साईज के सर्प विष की मात्रा अधिक होती हैं। जो घातक सिद्ध होती हैं। इस सीजन में दल द्वारा अड़तीस वाईपर सर्प को आवासीय स्थानों से निकाल कर सुदूर जंगलों में छोड़ा गया हैं।

पर्यावरण के लिए कार्य करने वाले दल के अमित मिश्रा नें बताया धान कटाई के इस मौसम में किसानों को सावधान रहने की आवश्कता हैं। इसी मौसम में भारत के सबसे बड़े विषदंत और गुस्सैल स्वभाव वाले रसल्स वाइपर के प्रजनन का समय होता हैं। जिस कारण वो इस मौसम में अधिक दिखने लगते हैं। प्रजनन के कारण उन्हे अत्यधिक भोजन की आवश्यकता होती हैं। और चूहे खेत में भोजन के लिए घूमते रहते हैं। इन्ही चूहों के तलाश में वो पके हुए धान के खेत में घात लगा के बैठे रहते हैं। रंगों के अनूरूप खेत उन्हे श्रेष्ठ छद्मावरण प्रदान करता हैं । धान की कटाई के दौरान अगर उस पे पैर पड़ जाए तो हादसा होने की संभावना बनी रहती हैं। सभी किसान भाइयों से हमारा निवेदन हैं की धान कटाई के दौरान खेत में बड़े जूते या गंबूट पहन के जाए। इसके बाद भी अगर ये सांप काट ले तो घबराए नहीं, बिना समय बर्बाद किए तुरंत अस्पताल पहुंचे जहां आपका उचित इलाज होगा, झाड़ फूंक या देसी दवाओं के चक्कर में पड़ के कीमती समय बर्बाद ना करें।