दंतेवाड़ा। जिले के नक्सल प्रभावित ग्राम झोड़ियाबाड़म के आजीविका परिसर में जारानंद पुरीन माता समूह की महिलाएं छिंद के पत्तों से बड़े पैमाने पर राखी का निर्माण कर रही है। इस राखी की विशेषता यह है कि छिंद के पेड़ों के पत्तों को महिलाएं लेकर आती हैं, जिसे सूखाकर इसके पत्तों से बुनाई कर राखी तैयार की जाती है। दिखने में खूबसूरत राखियां दंतेवाड़ा के आलावा दूसरे जिलों से भी इन राखियों की मांग आ रही है। इसके लिए जिला प्रशासन भी इन स्व सहायता समूह की मदद कर रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कृषि विज्ञान केंद्र की तरफ से महिलाओं को छिंद के पत्तों से राखी बनाना सिखाया गया था। जिसके बाद पिछले वर्ष से ही इस समूह की महिलाओं ने छिंद के पत्तों से राखियां बनाना शुरू किया था। जिसे बेचकर लगभग 25 से 30 हजार रुपये का आय हुआ था। राखी बेचने के लिए जिला प्रशासन द्वारा इन्हें स्टॉल लगाने की जगह दी गई है, जिसके माध्यम से वे बाजार में अपनी राखी को ग्राहकों तक पंहुचा सके।