सक्ती– निवेदिता फाउंडेशन शक्ति द्वारा 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के मौके पर शहर के गिरिराज रन बसेरा होटल में एक जागरूकता सेमिनार का आयोजन किया गया, इस अवसर पर शक्ति शहर के विभिन्न प्रिंट मीडिया एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथियों को जहां इस आयोजन में आमंत्रित कर निवेदिता फाउंडेशन द्वारा किए जा रहे कार्यो की जानकारी दी गई तो वही निवेदिता फाउंडेशन के संचालक एवं अन्य पदाधिकारियों ने बताया कि संस्था द्वारा विगत वर्ष 2008 से निरंतर शक्ति क्षेत्र में ग्रामीण इलाकों में जाकर घरेलू हिंसा एवं महिलाओं पर आए दिन होने वाली हिंसाओं को लेकर लोगों को जागरूक करने का कार्य किया जा रहा है, तथा इस दौरान और अधिक जन जागरूकता की आवश्यकता है एवं शक्ति अंचल में निवेदिता फाउंडेशन द्वारा चाइल्डलाइन सब सेंटर स्थापित किया गया है जो कि भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के मार्गदर्शन में संचालित है, जिसमें 1098 के माध्यम से 0 से 18 वर्ष तक के बच्चों की मुसीबत में मदद के लिए लोग फोन लगाकर सहायता प्राप्त कर सकते हैं, तथा इस चाइल्डलाइन के माध्यम से ऐसे बच्चे जो अकेले एवं बीमार हैं, ऐसे बच्चे जिन्हें किसी आश्रम की आवश्यकता है, ऐसे बच्चे जिन्हें कोई छोड़ देता है, या की बच्चे गुम जाते हैं, ऐसे बच्चे जो कि ईटा के भट्टे, होटल, रेस्टोरेंट,फैक्ट्री दुकान या और कहीं मजदूरी कर रहे हो रास्ते पर किसी बच्चे का उत्पीड़न हो रहा हो, बाल विवाह हो, मानसिक या शारीरिक हिंसा से पीड़ित हो, ऐसे सभी बच्चों को चाइल्ड लाइन के माध्यम से सहायता प्राप्त दी जाती है, निवेदिता फाउंडेशन के संचालक ने बताया कि यदि किसी बच्चे का शोषण हो रहा हो ,कोई बच्चे नशे का आदी हो, या कोई बच्चा भीख मांग रहा हो उनके लिए भी निवेदिता फाउंडेशन चाइल्डलाइन सब सेंटर के स्टेशन पारा वार्ड नंबर 17 में स्थित कार्यालय से निरंतर सहायता पहुंचाई जाती हैं, तथा वर्तमान में महिलाओं पर आर्थिक एवं मानसिक हिंसा ज्यादा देखने को मिलती है तथा ग्रामीण इलाकों में जगह-जगह महिलाओं के समूह भी बनाए गए हैं किंतु कहीं ना कहीं जन जागरूकता के अभाव में आज भी महिलाओं पर हिंसा लगातार जारी है, तथा जांजगीर-चांपा जिला घरेलू हिंसा में तीसरे नंबर पर स्थित है, संचालक ने बताया कि डभरा के 20 गांव को भी पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चयनित कर ऐसे लोगों को सहायता पहुंचाई जा रही है, साथ ही महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा को समाप्त करने के लिए मीडिया, सामाजिक संगठनों, संस्थानों, पत्रकारों संपादकों एवं ऐसे जन समुदाय में व्यापक जागरूकता हेतु हम सभी को कार्य करना होगा तथा महिलाओं एवं लड़कियों के खिलाफ हिंसा पूरे समाज की एक समस्या बन चुकी है,इसे वैश्विक समस्या भी माना जा सकता है, महिलाओं और लड़कियों के साथ होने वाले हिंसा में प्रमुख रूप से शारीरिक, मानसिक, और आर्थिक रूप से ज्यादा ही हिंसा देखी गई है तथा 70% जनता को पूर्ण रूप से ऐसी घटनाओं की जानकारी नहीं होती एवं आए दिन मीडिया में भी महिलाओं के खिलाफ होने वाले हिंसाओं की घटनाओं को प्रमुखता से प्रकाशित किया जाता है किंतु हिंसा के कई कारण हो सकते हैं पर घटना का विवरण,पीड़ितों का विवरण, हिंसा कारित करने वाले व्यक्ति का विवरण, कार्रवाई और सजा तक ही हम लोगों के बीच पहुंचा पाते हैं, लेकिन हिंसा के कई पहलुओं पर प्रकाश डालना हम छोड़ देते हैं जिसे गंभीरता से नहीं लेते जिसके कारण ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति होती है, निवेदिता फाउंडेशन के संचालक ने बताया कि इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर जनता को अधिक से अधिक जागरूक करने के लिए मीडिया की भूमिका काफी आवश्यक एवं महत्वपूर्ण है एवं मीडिया की सक्रिय भूमिका को भी पुख्ता करते हुए उत्तरजीवी की समस्या एवम उनको न्याय दिलाने के लिए ,हिंसा की रोकथाम की गतिविधियां, प्रक्रियाओं तथा सेवा प्रदाताओं संगठन के कर्तव्य भूमिका आदि को भी समझना होगा, कार्यक्रम के दौरान आयोजक संस्था ने बताया कि इन सभी पहलुओं को देखते हुए हमें प्रमुखता के साथ लोगों में जन जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है