मुख्यमंत्री ने राज्य में ‘राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना‘ लागू करने की घोषणा की

भूमिहीन एवं पात्र परिवारों को प्रतिवर्ष 6000 रूपए की मिलेगी मदद

कोरोना की तीसरी लहर की रोकथाम और स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए 957 करोड़ रूपए का अतिरिक्त प्रावधान

वनवासियों की मदद के लिए 520.80 करोड़़ रूपए तथा मनरेगा के मजदूरों और श्रमिकों के लिए 695 करोड़ रूपए का प्रावधान

रायपुर, 28 जुलाई 2021

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज विधानसभा में अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान छत्तीसगढ़ राज्य के ग्रामीण अंचल के भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों को राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के तहत प्रतिवर्ष 6000 रूपए की आर्थिक मदद दिए जाने की घोषणा की। यह योजना वित्तीय वर्ष 2021-22 से लागू होगी। अनुपूरक बजट में इसके लिए 200 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। विधानसभा में 2485.59 करोड़ रूपए का प्रथम अनुपूरक बजट ध्वनिमत से पारित हुआ।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने अनुपूरक बजट चर्चा के दौरान कहा कि छत्तीसगढ़ किसानों को प्रदेश है, किसान हमारे अन्नदाता है। इस अनुपूरक बजट की संरचना को देखकर यह स्पष्ट हो जाता है कि हमने अपनी न्याय की अवधारणा को आगे बढ़ाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार ने 60 लाख मीटरिक टन चावल लेने की सहमति दी थी, लेकिन छत्तीसगढ़ से मात्र 24 लाख मीटरिक टन चावल लिया है। इसके कारण अतिशेष धान की नीलामी हमें घाटा उठाकर करनी पड़ रही हैं। इसके बावजूद भी हम हर हाल में किसानों की मदद कर रहे है, इसके लिए हमें भले ही कर्ज लेना पड़े।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना से लेकर राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना तक, अभी वक्त तो बहुत कम गुजरा है, लेकिन इसके लाभ का दायरा लाखों लोगों तक पहुंच गया है। किसानों की ऋण माफी, सिंचाई कर माफी, समर्थन मूल्य पर अनाज बेचने वाले किसानों को देश में सबसे ज्यादा लाभ, वनोपज की खरीदी से आदिवासी और वन आश्रित परिवारों को सर्वाधिक लाभ, गोधन न्याय योजना जैसे हमारे नवाचारों के आंकड़े अब अरबों में पहुंच चुके हैं। बस्तर से लेकर सरगुजा तक, छोटे-छोटे गांवों, कस्बों, गली, मोहल्लों में रहने वाले लोगों के जीवन में बदलाव स्पष्ट देखा जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास का हमारा छत्तीसगढ़ी मॉडल की देश में है, तो इस पर भी अगर अभिमान न करें तो क्या करें? उन्होंने कहा कि हमारे छत्तीसगढ़ी मॉडल ने सिर्फ छत्तीसगढ़ निवासियों को ही नहीं, बल्कि हमारे जैसी परिस्थितियों में देश के अन्य हिस्सों में रहने वाले लोगों के जीवन में भी उम्मीद की नई किरण जगाई है। यही कारण है कि मलेरिया मुक्त बस्तर हो, मनरेगा हो, वनोपज की खरीदी हो, कृषि उपज की खरीदी हो, नरवा, गरूवा, घुरुवा, बाड़ी हो या गोधन न्याय योजना जैसे ग्राम और वन उन्मुख नवाचार, कुपोषण के विरुद्ध मुहिम हो, मलेरिया का उन्मूलन हो, हमारी ऐसी हर पहल आज देश में उन लोगों के लिए आशा लेकर आई है, जिन्हें बरसों से ऐसे सकारात्मक बदलाव की जरूरत थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्नदाता किसान हो या बेसहारा मजदूर, हमारी सरकार ने सभी के लिए किए गए वायदे निभाने का सिलसिला जारी रखा है। किसानों और गौ-पालकों के लिए लागू की गई न्याय योजनाओं की अगली कड़ी में हम भूमिहीन कृषि मजदूरों के लिए राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना लागू करने जा रहे हैं। इस योजना के लिए इस अनुपूरक में हमने 200 करोड़ रूपए का प्रावधान किया है। छत्तीसगढ़ निःशक्तजन वित्त एवं विकास निगम द्वारा राष्ट्रीय निःशक्तजन वित्त एवं विकास निगम को एकमुश्त ऋण राशि वापस करने हेतु राज्य शासन के निर्णय के अनुरूप 21 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं को गणवेश प्रदाय हेतु 7.62 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।