रायपुर, 14 जुलाई 2021

पढ़ई तुंहर दुआर कार्यक्रम के अंतर्गत पारा मोहल्ला क्लास द्वारा बच्चों का आकलन शिक्षा सत्र में तीन बार बेस लाइन, मिड लाइन और एण्ड लाइन में होगा। बेस लाइन मंे सेतु पाठ्यक्रम के द्वारा पढ़ाई, मिड लाइन और एण्ड लाइन में पाठ्यपुस्कत के पाठ्यक्रम द्वारा बच्चों की पढ़ाई होगी। बच्चों में सिखने का स्तर ग्रेडिंग के माध्यम से पता लगाया जाएगा कि बच्चा कौन से स्तर का है। बच्चे के स्तर के आधार पर उसे उपचारात्मक शिक्षा दी जाएगी। यह जानकारी राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् द्वारा राज्य स्तरीय वेबीनार के मोहल्ला कक्षा के संचालन सेतु अभियान एवं आकलन के संबंध में मार्गदर्शन देने के लिए आयोजित वेबिनार में दी गई।
वेबिनार में एससीआरटी के अतिरिक्ति संचालक श्री योगेश शिवहरे सेतु पाठ्यक्रम पर चर्चा करते हुए कहा कि मोहल्ला क्लास एक बेहतर उपाय है, इसमें बच्चों की प्रतिदिन उपस्थिति कि जानकारी ले सकते है। ऑनलाइन कक्षा समय-सारणी के अनुरूप होनी चाहिए। कक्षा 1-8 के बच्चों के लिये सेतु अभियान के माध्यम से बच्चों को इसी माह 30 दिवस में पूर्व ज्ञान दिया जाना  अनिवार्य है। उन्होंने आकलन का अभिलेख सुरक्षित रखने पर जोर देते हुए कहा कि आकलन के अंकों को पोर्टल में दर्ज भी करना होगा। जो बच्चे फेल हो उन्हें ग्रेड के आधार पर स्तर का आकलन करना है। वेबिनार में 32 हजार मोहल्ला क्लास बनाए गए, इससे 6 लाख बच्चे जुड़े।

समग्र शिक्षा के सहायक संचालक डॉ.एम. सुधीश ने कहा कि मोहल्ला क्लास के संचालन के लिए कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए प्रोटोकाल का पालन करते हुए क्लास शुरू करना है। बच्चों को कक्षा में नियमित आने के लिए उनका उत्साह बनाए रखें। मोहल्ला क्लास में पढ़ाने वाले शिक्षकों को बच्चों की रूचि पर विशेष ध्यान देना चाहिए। एससीईआरटी की सहायक प्राध्यापक डॉ. विद्यावती चन्द्राकर ने बताया कि बच्चों की सीखने की गति जो धीमी या रूक गई है, इसके लिए कक्षा 1-8 तक सेतु पाठ्यक्रम बनाया गया है। उन्होंने इस संबंध में सीखने के प्रतिफल के बारे में जानकारी दी। व्याख्याता एससीईआरटी श्रीमती विद्या डांगे ने आकलन के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पारा मोहल्ला क्लास द्वारा बच्चों का आकलन करना होगा, यह पूरे सत्र में 3 बार होगा। यह आकलन बेस लाइन, मिड लाइन और एण्ड लाइन होगा। बेस लाइन में सेतु पाठ्यक्रम के द्वारा पढ़ाना, मिड लाइन और एण्ड लाइन में पाठ्यपुस्तक के पाठ्यक्रम के द्वारा पढ़ाना होगा। आलकन के संबंध में बच्चे में दक्षताऐं प्राप्त कर सकते है। बच्चों में सिखने का स्तर ग्रेडिंग के माध्यम से पता लगाया जा सकता है कि बच्चा कौन से स्तर का है। निम्न स्तर के बच्चों को उपचारात्मक शिक्षा देने का प्रयास करना चाहिए। उप संचालक एससीईआरटी श्री उमेश साहू ने कहा कि सभी को  धरातल से जुड़ कर मोहल्ला क्लास को आगे तक ले जाना है, तभी छत्तीसगढ़ शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ेगा। स्टेट मीडिया सेंटर के नोडल अधिकारी श्री प्रशान्त पाण्डेय के द्वारा कहा गया पढ़ाई के लिए समय निर्धारित नहीं है जैसे – छत्तीसगढ़ कहावत पढ़बों कोनो बेरा, कतको बेरा अन्य कहावतों के साथ उन्होंने कार्यक्रम का संचालन किया।